Translate

Monday 25 January 2016

अध्याय 10 श्लोक 10 - 31 , BG 10 - 31 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 10 श्लोक 31
समस्त पवित्र करने वालों में मैं वायु हूँ, शस्त्रधारियों में राम, मछलियों में मगर तथा नदियों में गंगा हूँ |



अध्याय 10 : श्रीभगवान् का ऐश्वर्य

श्लोक 10 . 31



पवनः पवतामस्मि रामः शस्त्रभृतामहम् |
झषाणां मकरश्र्चास्मि स्त्रोतसामस्मि जाह्नवी || ३१ ||

पवनः – वायु; पवताम् – पवित्र करने वालों में; अस्मि – मैं हूँ; रामः – राम; शस्त्र-भृताम् – शस्त्रधारियों में; अहम् – मैं; झषणाम् – मछलियों में; मकरः – मगर; – भी; अस्मि – हूँ; स्त्रोतसाम् – प्रवहमान नदियों में; अस्मि – हूँ; जाह्नवी – गंगा नदी |



भावार्थ

समस्त पवित्र करने वालों में मैं वायु हूँ, शस्त्रधारियों में राम, मछलियों में मगर तथा नदियों में गंगा हूँ |

तात्पर्य





समस्त जलचरों में मगर सबसे बड़ा और मनुष्य के लिए सबसे घातक होता है | अतः मगर कृष्ण का प्रतिनिधित्व करता है |और नदियों में , भारत में सबसे बड़ी माँ गंगा है | रामायण के भगवान् राम जो श्रीकृष्ण के अवतार हैं, योद्धाओं में सबसे अधिक शक्तिशाली हैं |




1  2  3  4  5  6  7  8  9  10

11  12  13  14  15  16  17  18  19   20

21  22  23  24  25  26  27  28  29  30

31  32  33  34  35  36  37  38  39  40



41  42






<< © सर्वाधिकार सुरक्षित भक्तिवेदांत बुक ट्रस्ट >>



Note : All material used here belongs only and only to BBT .
For Spreading The Message Of Bhagavad Gita As It Is 
By Srila Prabhupada in Hindi ,This is an attempt to make it available online , 
if BBT have any objection it will be removed .

No comments:

Post a Comment

Hare Krishna !!